IPL में विदेशी खिलाड़ी, जिन्हे मिला भरपूर पैसा और प्यार…
जब आईपीएल की शुरुआत हुई तो विदेशी खिलाड़ियों की उपस्थिति भारतीय टीमों को एक नए दृष्टिकोण और अनुभव प्रदान करने का काम करती थी। उनके होने से इस लीग की वैश्विक सफलता सुनिश्चित हो गई, ऐसा कहना गलत भी नहीं होगा जिन नए विदेशी खिलाड़ियों ने आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन किया उनकी अपने देश की राष्ट्रीय टीम जगह पक्की हो गई और फिर क्रिकेट के लेजेंड बन गए। उदाहरण के लिए, डेविड वार्नर (हैदराबाद सनराइजर्स), कुमार संगकारा (राजस्थान रॉयल्स), और स्टीव स्मिथ (राजस्थान रॉयल्स), क्रिग गेल रायल चैलेंजर बैंगलोर एवं डिविलियर्स।
एबी डिविलियर्स और क्रिस गेल जैसे खिलाड़ियों के फैंस भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में फैले हुए हैं। उनके खेलने का अंदाज़ और उनकी उपस्थिति आईपीएल के लिए एक प्रमुख मार्केटिंग टूल बन जाती है।
डेविड वार्नर- आस्ट्रेलिया के एक दिग्गज खिलाड़ी जिनके करियर में आईपीएल ने अहम योगदान दिया, वो तीन बार आईपीएल मे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बने। सनराइज़र्स से उन्हे 10 करोड़ की मोटी रकम भी मिलती रही, हालांकि 2025 में उनकी गिरती फार्म के चलते उन्हे रिटेन नहीं किया गया। लेकिन उन्हे भारतीय फिल्मो से इतना प्यार है कि कई हिंदी फिल्मों के गानो पर वो रील बनाते रहते हैं,और अब तो खबर है टॉलीवुड की एक फिल्म में वो अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत करने वाले हैे।
क्रिस गेल- टी - 20 के विध्वंसक बल्लेबाज़ गेल ने जब से आरसीबी का दामन थामा, रनों की झड़ी लगा दी थी, पुणे के खिलाफ उनकी 175 रनों की पारी की याद करके आज भी उस मैच के गेंदबाज़ कर कांप जाते हैं। उनकी पर्सनेलिटी और विराट के संग उनके तालमेल ने उन्हे भारतीय फैंस के बीच लोकप्रिय बना दिया। कपिल शर्मा के शो से लेकर वो कई रिएलिटि शोज़ में भी नज़र आए जिससे आरसीबी का फैन बेस बढ़ा और गेल का बैंक अंकाउट भी…
एबी डिविलियर्स- वार्नर के बाद कोई ऐसा विदेशी खिलाड़ी जिसे भारतीय , भारत के खिलाड़ियों से ज्यादा इज्जत एवं प्रेम देते हैं तो वो हैं डिविलियर्स, मिस्टर 360 ने आईपीएल में कई यादगार मैच जिताए, भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के दिल में उनके लिए जो सम्मान है वो शायद ही किसी विदेशी खिलाड़ी के लिए हो..
डी जे ब्रावो, रबाडा, राशिद खान, मैथ्यू हैडन, रिकि पोंटिंग, मार्श ब्रदर्स, न जाने कितने ऐसा खिलाड़ी जो आईपीएल से खेलकर शोहरत और पैसे के साथ भारतीयों के दिल भी जीते हैं। इसके अलावा, विदेशी खिलाड़ी क्रिकेट की अलग-अलग शैली से भारतीय खिलाड़ियों को सीखने का अवसर प्रदान करते हैं। जैसे, ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए प्रसिद्ध हैं, तो दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ियों के पास महान तेज गेंदबाजी कौशल होता है।आईपीएल में विदेशी खिलाड़ी खाने में नमक जैसा काम करते हैं, उनके होने से खाने का स्वाद बना रहता है, और ये नमक ज्यादा न हो इसका ख्याल बीसीसीआई रखती है। किसी भी आईपीएल मैच में फाइनल 11 में 4 से ज्यादा विदेशी खिलाड़ी नहीं होंगे। लेकिन इसमे कोई दोराय नहीं कि आईपीएल की सफलता का श्रेय जितना भारत के प्रतिभाव खिलाड़ियों का जाता है उतना ही विदेशी तड़के खिलाड़ियों को भी ….